आज के समय में हर कोई अतिरिक्त आय extra income के बारे में सोचता रहता है और extra कमाई के लिए वह अपने बचे हुए समय में अपने घर पर या कहीं से भी अपने मोबाइल, लैपटॉप से एक्स्ट्रा कमाई करता है।
बाज़ार में कम समय के
अन्दर मुनाफा कमाने के लिए लोग ट्रेडिंग Trading करते है और यह Trading कई
तरह की चीजों पर की जाती है, मुख्य रूप से ट्रेडिंग में लोग सबसे ज्यादा
शेयर पर ट्रेडिंग करते है और स्टॉक पर ट्रेडिंग करके एक ही दिन में लाखों
और हजारों रूपये कमा लेते हैं।
मोबाइल में उपलब्ध ऐसे App जिनके
द्वारा आप शेयर बाजार में Invest कर सकते हैं उसे Trading App कहते हैं। आप
लोग भी अक्सर ट्रेडिंग से ढेर सारे पैसे कमाने के बारे में सुनते रहते
होंगे और आपने भी ट्रेडिंग शब्द जरूर सुना होगा। आखिर क्या है Trading का
मतलब और ट्रेडिंग कितने प्रकार की होती है?
यदि आप भी ट्रेडिंग के
द्वारा हजारों या लाखों रूपये कमाना चाहते हैं तो उसके लिए आपको ट्रेडिंग
को अच्छे से समझना होगा तो आइये जानते हैं Trading ट्रेडिंग क्या है और
Trading कितने प्रकार की होती है?
ट्रेडिंग क्या है? हिंदी में जानिये। What is Trading in Hindi?
ठीक वैसे ही स्टॉक मार्केट में किसी वस्तु की नहीं बल्कि कंपनियों के शेयर की खरीद और बिक्री करके buying and selling shares of companies मुनाफा कमाया जाता है। यानि Trading में हम शेयर मार्केट से शेयर को खरीदने और बेचने का काम Buy and sell shares from the stock market करते हैं।
यहाँ हम शेयर को stock exchange से कम price पर खरीदते हैं और फिर उस शेयर की price हाई होने पर उसे sell बेच देते हैं।
Trading, Share Market में सबसे ज्यादा की जाती है और लोग हर रोज शेयर पर ट्रेडिंग करके हजारों और लाखों रूपये कमा लेते हैं। ट्रेडिंग की समय अवधि 1 साल की होती है। मतलब यह हुआ कि 1 साल के अंदर शेयर को खरीदना और बेचना है।
यदि आप एक साल के बाद शेयर को बेचते हैं तो यह निवेश Investment कहलाता है। Trading को काफी रिस्की कहा जाता है इसमें यह कोई नहीं जानता कि कुछ समय बाद शेयर के भाव में क्या मूवमेंट आयेगा।
क्योंकि शेयर के भाव में कभी तेजी दिखाई देगी तो कभी शेयर के भाव में मंदी देखने को मिल सकती है। शेयर मार्केट में ट्रेडिंग अलग-अलग प्रकार की होती है और ट्रेडर trader अपनी सुविधा और जोखिम के अनुसार ट्रेडिंग करते हैं।
How Many Types of Trading in Stock Market in hindi
ट्रेडिंग के प्रति उत्साही लोगों के लिए शेयर बाजार अवसरों का एक महासागर है। यह बहुत ही आकर्षक है अगर रणनीतिक और अच्छी तरह से पालन किया जाए। चूंकि प्रत्येक व्यापारी का एक अद्वितीय व्यक्तित्व होता है, इसलिए व्यापार शैली एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में भिन्न हो सकती है।
निम्नलिखित पांच ट्रेडिंग शैलियाँ हैं। इनमे से आप वह वह चुनें जो आपके मनोविज्ञान से मेल खाता हो।
1.Intraday Trading
2.Scalping Trading
3.Swing Trading
4.Positional Trading
5.Arbitrage Trading
1- इंट्राडे ट्रेडिंग Intraday Trading
शेयर
मार्केट के खुलने से लेकर उसके बंद होने के पहले शेयर को खरीद कर बेचने को
Intraday Trading कहते हैं। इसमें ट्रेडर 9:15 AM से 3:30 PM के बीच शेयर
को खरीदता और बेचता है और उसे एक ही दिन में शेयर पर ट्रेडिंग करने पर
मुनाफा मिलता है।
इस तरह इंट्राडे ट्रेडिंग की जाती है। यानि वह traders जो Market (9:15 am) के खुलने के बाद शेयर खरीद लेते हैं और मार्केट बंद (3:30 pm) होने से पहले शेयर को बेच देते हैं। ऐसे ट्रेडर्स को Intraday ट्रेडर्स कहा जाता है। मतलब Intraday Trading वह trade जो 1 दिन के लिए trade किया जाए।
2- स्कैल्पिंग ट्रेडिंग Scalping Trading
स्कैल्पिंग
ट्रेडिंग भी शेयर मार्केट के खुलने से उसके बंद होने के बीच में की जाती
है लेकिन Scalping Trading में पूरे दिन ट्रेडिंग नहीं की जाती है।
Scalping Trading वह trade जो कुछ सेकंड या मिनट के लिए trade किया जाए।
इसमें traders केवल कुछ सेकंड या कुछ मिनट के लिए शेयर की खरीद और बिक्री
करते हैं।
जैसे 9:15 AM पर शेयर को खरीद कर 10:00 AM पर ही शेयर बेच कर मुनाफा कमा लेना है। इन ट्रेडर्स को scalpers कहा जाता है। scalping trading को सबसे ज्यादा रिस्की माना जाता है।
3- स्विंग ट्रेडिंग Swing Trading
Swing
Trading की बात की जाये तो यह ट्रेडिंग कुछ दिन और हफ़्तों के लिए की जाती
है और इसमें भी शेयर को खरीदना और बेचना का काम शेयर मार्केट के खुलने और
बंद होने के बीच ही किया जाता है।
इसमें
ट्रेडर को पूरे दिन चार्ट को देखना नहीं पड़ता है और यह उन लोगों के लिए
बेहतर होता है जो ट्रेडिंग में अपना पूरा दिन नहीं दे सकते हैं जैसे जॉब
करने वाले लोग, स्टूडेंट्स आदि। इसमें ट्रेडर्स शेयर मार्केट में कम दाम पर
शेयर खरीद लेते है और फिर उन्हें hold करके रख लेते हैं और जब बाद में जब
कुछ दिन या हफ्ते में उनके शेयर की price ज्यादा हो जाती है तो तब उन्हें
बेच कर मुनाफा कमा लेते हैं।
मतलब इसमें traders एक दो हफ़्ते के लिए शेयर को खरीदने के बाद बेच देते हैं।
4- Positional Trading Ya Long Tarm
Positional
Trading बाकी सभी trading से कम रिस्की होता है। Positional Trading वह
ट्रेड जो कुछ महीने के लिए होल्ड किए जाते हैं। यह Trading long term है।
Positional ट्रेडिंग में शेयर्स को लम्बे समय तक होल्ड किया जाता है इसके
अंदर किसी शेयर को कुछ महीनों से लेकर 1 साल तक खरीदकर रखा जाता है और फिर
उस Share को बेच कर Profit कमाया जाता है। शेयर बाजार के रोजाना के up-down
का इन पर ज्यादा असर नहीं होता है।
5. Arbitrage Trading
आर्बिट्रेज
ट्रेडिंग एक ऐसी शैली है जो दो या दो से अधिक बाजारों या एक्सचेंजों में
मूल्य अंतर का लाभ उठाती है। यह केवल एक विशाल नेटवर्क वाली प्रमुख
व्यापारिक फर्मों के लिए आरक्षित है क्योंकि इसके लिए बहुत अधिक
विश्लेषणात्मक कौशल की आवश्यकता नहीं है, लेकिन अधिक नेटवर्क गति की
आवश्यकता है।
Trading और Investment में कुछ मुख्य अंतर Differences Between Trading And Investing
Trading में टेक्निकल एनालिसिस के बारे में जानना आवश्यक होता है। वहीं Investment की बात करें तो उसमें fundamental analysis की जानकारी होनी जरुरी है।
Trading में शेयर को short term के लिए खरीदा जाता है और Investment में शेयर को लंबे समय के लिए खरीद लिया जाता है।
Trading
लोगों के द्वारा short term मुनाफे को कमाने के लिए किया जाता है वहीं
निवेश Investment लंबे समय के मुनाफे को कमाने के लिए किया जाता है।
Trading की जो अवधि होती है वो 1 साल तक की होती है। वहीं निवेश की अवधि 1 साल से ज्यादा की होती है।
इसके अलावा और भी ट्रेडिंग
फ्यूचर ट्रेडिंग
ऑप्शन ट्रेडिंग
मार्जिन ट्रेडिंग
एल्गो ट्रेडिंग
फ्यूचर ट्रेडिंग (Future Trading)
जैसा कि नाम से ही पता चलता है future के लिए की जाने वाली ट्रेडिंग को फ्यूचर ट्रेडिंग कहते हैं। यह F&O या डेरिवेटिव ट्रेडिंग के अंतर्गत आती है। इसमें आपको भविष्य के किसी निश्चित समय पर किसी निश्चित मूल्य पर किसी शेयर के फ्यूचर को खरीदने या बेचने के लिए पहले ही समझौता करना पड़ता है।
फ्यूचर ट्रेडिंग एक कॉन्ट्रैक्ट होता है जिसमें आपको खरीदे गए शेयर को समय खत्म होने से पहले sell करना पड़ता है। जिस प्राइस पर अपने फ्यूचर के लिए शेयर खरीदा है उसे फ्यूचर प्राइस कहते हैं और और जितने समय के लिए उसे खरीदा है उसे डिलीवरी डेट कहते हैं।
यह शेयर मार्केट ट्रेडिंग का वह तरीका है जिसमें आप बहुत कम पैसों से भी शुरुआत कर सकते हैं।
ऑप्शन ट्रेडिंग (Option Trading)
ऑप्शन
ट्रेडिंग भी डेरिवेटिव ट्रेडिंग का ही एक प्रकार है। इसमें कॉल और पुट दो
प्रकार के ऑप्शन्स होते हैं। कॉल ऑप्शन मार्केट में तेजी होने पर खरीदा
जाता है और पुट ऑप्शन मार्केट में मंदी के समय खरीदा जाता है।
ऑप्शन ट्रेडिंग में आप दो तरह से प्रॉफिट कमा सकते हैं–
ऑप्शन को खरीद कर
ऑप्शन को बेचकर
अधिकतर
नए लोग ऑप्शन को खरीदते हैं क्योंकि इसमें बहुत कम पैसों से शुरुआत कर
सकते हैं जबकि ऑप्शन को बेचने के लिए आपको अधिक पैसों की जरूरत पड़ती है।
ऑप्शन
ट्रेडिंग में कुछ ही मिनटों में आपको लाखों रुपए का प्रॉफिट या लॉस हो
सकता है क्योंकि इसमें ऑप्शंस की प्राइस बहुत तेजी से ऊपर नीचे होते हैं।
इससे बचने के लिए स्टॉपलॉस जरूर लगाएं।
ऑप्शन ट्रेडिंग में नुकसान से बचने के लिए पहले आपको ऑप्शन ट्रेडिंग के बेसिक्स सीखना चाहिए जैसे;
ऑप्शन ट्रेडिंग में एटीएम आईटीएम और ओटीएम क्या होते हैं?
ऑप्शन ग्रीक्स क्या होते हैं? Delta, Theta, Gamma, Vega in hindi
मार्जिन ट्रेडिंग (Margin Trading)
जैसा
कि नाम से ही पता चलता है मार्जिन मनी लेकर की जाने वाली ट्रेडिंग मार्जिन
ट्रेडिंग कहलाती है। मार्जिन ट्रेडिंग में आप कम पैसों से अधिक प्रॉफिट
कमा सकते हैं। लेकिन अगर इसमें आपका अनुमान सही नहीं निकलता है तो आपको
नुकसान भी बहुत ज्यादा हो सकता है।
मार्जिन ट्रेडिंग के जितने फायदे
हैं उतने नुकसान भी हैं। अगर आपको पूरा भरोसा है कि कोई शेयर यहां से
बढ़ेगा तो ही मार्जिन ट्रेडिंग आपके लिए लाभकारी साबित हो सकती है वरना
इसमें जोखिम बहुत है।
एल्गो ट्रेडिंग (Algo Trading)
शेयर
मार्केट ट्रेडिंग में एल्गो ट्रेडिंग कंप्यूटर आधारित ट्रेडिंग को बोलते
हैं। यह ट्रेडिंग सॉफ्टवेयर की मदद से की जाती है जिसमें कुछ स्टॉक के
prices को पहले से ही खरीदारी या बिकवाली के लिए सेट कर दिया जाता है।
इस
प्रकार की ट्रेडिंग में आपको involve होने की जरूरत नहीं रहती है। सारा
काम सॉफ्टवेयर और अल्गोरिथम के माध्यम से होता है। इस प्रकार की trading
में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और कुछ स्क्रिप्ट का इस्तेमाल होता है जिससे
आपका कंप्यूटर ही स्टॉक को खुद से खरीदना और बेचता रहता है।
मुहूर्त ट्रेडिंग (Muhurat Trading)
मुहूर्त
ट्रेडिंग किसी खास या विशेष समय पर की जाती है। आपने देखा होगा दीपावली के
दिन किसी शुभ मुहूर्त पर मार्केट को कुछ निश्चित समय के लिए खोला जाता है
जिसे मुहूर्त ट्रेडिंग का नाम दिया गया है।
यह साधारण ट्रेडिंग की तरह ही होती है बस अंतर सिर्फ इतना होता है कि इसे किसी खास त्यौहार के मौके पर किया जाता है।
निष्कर्ष
तो ये थे ट्रेडिंग के प्रकार अब बात आती है की आप किस प्रकार के ट्रेडर बनाना चाहते हो ये सब आपके ट्रेडिंग स्टाइल पैर डिपेंड करता है ये निर्धारित करता है की आप कितना जोखिम उठा सकते हो। आप किसी भी स्टॉक को कितने लंबे समय तक होल्ड करना चाहते हो
इसलिए शेयर मार्किट में निवेश करने से पहले आप निर्धारित करे की आप किस प्रकार के ट्रेडर हो या निवेशक हो
यह आपकी साइकोलॉजी और ट्रेडिंग की नॉलेज पर निर्भर करता है कि आपको किस प्रकार की ट्रेडिंग सबसे अच्छे तरीके से आती है। तो जिस ट्रेडिंग की नॉलेज आपको सबसे ज्यादा है वह आपके लिए बेस्ट होती है।